Roza Rakhne aur Kholne Ki Dua

रोज़ा रखते समय, सहरी खाने से पहले यह दुआ पढ़ी जाती है। इस दुआ का मतलब है कि “मैं इस रमज़ान के रोज़े की नियत करता/करती हूं।” यह दुआ अरबी में है और इसकी पढ़ाई अरबी में होती है।

Roza Rakhne ki Dua in Hindi

‘व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमज़ान’

‘Wa bisawmi ghaddan nawaiytu min shahri ramadan’

Roza Kholne ki Niyat

‘अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू’

‘Allahumma inni laka sumtu wa bika amantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizqika aftartu’